

कहते है न कि मनुष्य की प्रगति और विकास की उड़ान का कोई सानी नहीं, उसका कोई पूर्ण विराम नहीं
कुछ ऐसे ही भावों को भारतीय राष्ट्र कवि दिनकर ने ऐसे कहा था
जिंदगी वहीँ तक नहीं ध्वजा जिस जगह विगत युग ने गाड़ी
मालूम किसी को नहीं अनागत नर की दुविधाएं सारी
सारा जीवन नाप चूका कहे जो वो दासता प्रचारक है
नर के विवेक का शत्रु मनुज की मेधा का संहारक है
आज आपको बताते है ऐसे वर्तनों के बारे में जिन्हें लोग खाने के साथ ही खा जाते हैं।
घर में खाना खाने के लिए जिन बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है वे या तो किसी मेटल के होते हैं या फिर कांच और मिट्टी के होते हैं जिन्हें आमतौर पर इस्तेमाल के बाद धोकर रख दिया जाता है। इसके अलावा यदि हम बाहर किसी रोडसाइड स्टॉल पर जाते हैं तो हमें पेपर प्लेट या फिर प्लास्टिक की कटलरी में खाना सर्व किया जाता है, जिन्हें इस्तेमाल के बाद कचरे में डाल दिया जाता है। लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां के लोग खाना खाने के बाद प्लेट या गिलास धोने और फेंकने के बजाए उन्हें भी खा जाते हैं। जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा। उत्तरी अमेरिका, लैटिन अमेरिका, पूर्वी यूरोप, पश्चिमी यूरोप, जापान और भारत में भी कई जगहों पर लोग खाना खाने के बाद गिलास-प्लेट फेंकते नहीं है बल्कि उन्हें भी खा जाते हैं।
कई फ्लेवर में आ रही हैं एडिबल कटलरी
विश्व के कई देशों में एडिबल कटलरी (Edible Cutlery) की शुरुआत हो चुकी है जिसमें प्लेट, गिलास, कटोरी और चम्मच भी शामिल हैं। एडिबल कटलरी को इसलिए खाया जा सकता है क्योंकि इसे खाद्य पदार्थों से ही बनाया जाता है। शुरुआत में एडिबल कटलरी सिर्फ गेहूं के भूंसे से तैयार की जाती थी लेकिन अब इसमें कई बदलाव हो रहे हैं। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में तो कई फ्लेवर वाली एडिबल कटलरी बनाई जाती है जिसमें चॉकलेट फ्लेवर भी शामिल है। इसके साथ ही इसमें कई मसाले भी मिलाए जाते हैं ताकि इन्हें खाने में भी स्वाद मिले। इसके अलावा ये पर्यावरण के लिए बिल्कुल सुरक्षित हैं जो किसी भी प्रकार से कुदरत को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते। एडिबल कटलरी की सबसे खास बात ये है कि इसमें ठंडा या गर्म किसी भी प्रकार का खाना या ड्रिंक सर्व किया जा सकता है।
प्लास्टिक कटलरी के मुकाबले महंगे हैं एडिबल कटलरी
भारत के कई रेस्टॉरेंट्स और घरों में इस तरह की एडिबल कटलरी का प्रयोग किया जा रहा है। हालांकि, इसकी कीमत प्लास्टिक कटलरी के मुकाबले काफी ज्यादा है। यदि हम साधारण प्लास्टिक से बने चम्मच से इसकी तुलना करें तो इसकी कीमतों में अंतर समझा जा सकता है। थोक बाजार में साधारण प्लास्टिक से बने 100 चम्मच की कीमत 15 रुपये से 100 रुपये या इससे ज्यादा भी हो सकती है। वहीं एडिबल चम्मच की कीमत 300 रुपये से शुरू होकर 500 रुपये या इससे ज्यादा हो सकती है। एडिबल चम्मचों की कीमत उसकी क्वालिटी, क्वांटिटी और फ्लेवर भी निर्भर करती है।