
क्या कोरोना वायरस असमानता का वायरस ???
लॉकडाउन में 12 करोड़ लोगों की नौकरी गई, लेकिन 100 बड़े अरबपतियों की संपत्ति 35% बढ़ी

एजेंसी। कोरोना संसार भर में कहर बनकर आया इसने कितनों की जानें ली तो कितनों को घरबार विहीन कर दिया। लोगों की नौकरियां छूट गई खाने के लाले पड़ गए। ये सब कुछ हुआ परन्तु समाज के एक खास वर्ग को जिसे धनी की कोटि में रखा जाता है कोई फरक नहीं पड़ा। NGO ऑक्सफैम (Oxfam) की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि पिछले साल लॉकडाउन के दौरान देश के सबसे बड़े 100 अमीरों की संपत्ति 35% बढ़ गई तो इसका दूसरा पक्ष यह है कि कोरोना महामारी के कारण पिछले साल 12 करोड़ से ज्यादा लोगों की नौकरी छिन गई थी।
'द इनइक्वलिटी वायरस' नाम की रिपोर्ट के अनुसार महामारी ने भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में असमानता को बढ़ाया है। दुनिया के सबसे बड़े 1,000 अरबपतियों की स्थिति तो नौ महीने में ही सुधर गई, लेकिन गरीबों को कोरोना से पहले जैसी स्थिति में आने में एक दशक से ज्यादा समय लग जाएगा। ऑक्सफैम दावोस सम्मेलन से पहले यह रिपोर्ट जारी करता है।
भारत के सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी ही नहीं, कुमार मंगलम बिड़ला, गौतम अडानी, अजीम प्रेमजी, सुनील मित्तल, शिव नाडर और लक्ष्मी मित्तल जैसे उद्योगपतियों की संपत्ति भी इस दौरान तेजी से बढ़ी है। देश के सबसे बड़े 100 अरबपतियों की संपत्ति में मार्च 2020 के बाद से लगभग 13 लाख करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है। यह रकम देश के रक्षा बजट का लगभग चार गुना है। अगर ये पैसा 14 करोड़ गरीबों में बांटा जाए तो हर किसी के हिस्से में 94,045 रुपए आएंगे।